Tuesday, December 21, 2010

श्री गणेश आरती


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। 
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी 
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी 


पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा 
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥


अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया 
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया 


दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी । 
कामना को पूरी करो जग बलिहारी 


सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा

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