ॐ भूर्भुवः स्वः, तत्सवितुर्वरेण्यम्,
भर्गो देवस्य धीमहि,
धियो योनः
प्रचोदयात् |
गुरुर्ब्रह्मा, गुरूर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरः,
गुरुर्साक्षात परब्रह्म,
तस्मै श्री गुरुवे नमः |
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय |
है प्रार्थना गुरुदेव से, ये स्वर्ग सम संसार हो,
अतिउच्च्तम् जीवन बने,
परमार्थमय व्यवहार हो,
ना हम रहें अपने लिए, हमको सभी से गर्ज़ है,
गुरुदेव ये आशीष दें, जो सोचने का
फ़र्ज़ है |
हम हों पुजारी तत्व के, गुरुदेव के आदेश के,
सच प्रेम के, नित नेम के, सद्धर्म
के, सत्कर्म के,
हो चीढ़ झूठी राह की, अन्याय की, अभिमान की,
सेवा करन को दास की, परवाह नहीं
हो जान की |
छोटे न हों हम बुद्धि से, हों विश्वमय से ईशमय,
हों राममय और कृष्णमय, जगदेव
में जगदीश मय,
हर इन्द्रियों पर ताव कर, हम वीर हों अति धीर हों,
उज्जवल रहें सर से सदा, निज
धर्म रत खंबीर हों |
अति शुद्ध हों आचार से, तन-मन हमारा सर्वदा,
आध्यात्म की शक्ति हमें, पल भर
नहीं कर दे जुदा,
इस अमर आत्मा का हमें, हर श्वास भर में ग़म रहे,
ग़र मौत भी आ गयी, सुख-दुःख
हमसे सम रहे |
“हे गुरुदेव, हम सबको सद्बुद्धि दे,
सत्कर्तव्य करने की प्रवृत्ति दे,
सच बोलने का अभ्यास दे,
सच स्वरुप का ज्ञान दे”
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय |
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या
द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं मम देव देव |
त्वमेव सर्वं मम देव देव |
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते,
पूर्णस्य पूर्णमादाय, पूर्णमेवा
वशिश्यते,
ॐ शांतिः, शांतिः, शांतिः |
ॐ सहनाववतु सहनौभुनक्तु,
सहवीर्यं करवावहै,
तेजस्विनावधीतमस्तु, माँ विद्विषावहै,
ॐ शांतिः, शांतिः, शांतिः
|
ॐ सर्वेत्र सुखिनः सन्तु, सर्वे
सन्तु निरामयाः,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, माँ कश्चिद् दुःख माप्नुयात,
ॐ शांतिः,
शांतिः, शांतिः |
ॐ असतो माँ सद्गमय,
तमसो माँ ज्योतिर्गमय,
मृत्योर्मा अमृतं गमय,
ॐ शांतिः,
शांतिः, शांतिः |
ॐ ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर ब्रह्माग्नौ ब्रह्मनाहुतम,
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं,
ब्रह्म कर्म समाधिना,
ॐ शांतिः, शांतिः, शांतिः |
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय |